कोरोना महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन ने खरीद-फ़रोख़्त और बाजार में बुनियादी बदलाव लाए हैं। यह ऐसा बदलाव जिसे क्रांतिकारी कहा जा सकता है, जिसने उपभोक्ताओं की पसंद-नापसंद, प्राथमिकता, खरीदारी के पैटर्न, उसके स्वभाव-सभी चीजों को बदल दिया है। यह बदलाव सबसे साफ़ तौर पर ऑनलाइन शॉपिंग के क्षेत्र में देखा जा सकता है।
लॉकडाउन का असर : बदल गई शॉपिंग की दुनिया
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- 3 Jun, 2021

कोरोना और इस महामारी से बचने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने क्या मानव स्वभाव को भी प्रभावित किया है? क्या कोरोना की वजह से हमारे मनोविज्ञान, स्वभाव, व्यवहार व कामकाज के तौर तरीकों में कोई फ़र्क आया है? ये तमाम बातें उठती हैं, जिनका उत्तर लोग लगातार ढूंढ रहे हैं। मनोविज्ञान, स्वभाव, सामाजिक-आार्थिक स्थिति, सेक्स जीवन, सबकुछ प्रभावित हुआ है। सत्य हिन्दी इस पर एक श्रृंखला प्रकाशित कर रहा है। पेश है उसकी तीसरी कड़ी।
संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनाइटेड नेशन्स कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (अंकटाड) ने 2020 में लगाए गए पहले दौर के लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग में होने वाले परिवर्तनों के अध्ययन के लिए शोध किया।
इस सर्वे में विकसित देश और विकासशील देश, दोनों के उपभोक्ताओं को शामिल किया गया था। इसके अनुसार, विकसित देशों में तो पहले भी ऑनलाइन शॉपिेंग थी जो लॉकडाउन में बढ़ गई, लेकिन विकासशील देशों में पहले यह कम थी और उनमें अधिक विकास हुआ।