सिंधु जल संधि निलंबित करने की घोषणा के एक दिन बाद ही गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान को इस मामले में एक औपचारिक ख़त भेजा है। यह क़दम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में उठाया गया है। इसको भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ा है। औपचारिक ख़त लिखने का भारत का यह ताज़ा क़दम तब आया है जब गुरुवार को ही पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए शिमला समझौते को निलंबित कर दिया है और इसने ऐसे ही कई और क़दम उठाए हैं। इन पूरे घटनाक्रमों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है।

दरअसल, सिंधु जल संधि 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित एक ऐतिहासिक समझौता है। इसके तहत सतलुज, रावी और ब्यास नदियों का पानी भारत के उपयोग के लिए और सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी मुख्य रूप से पाकिस्तान के लिए निर्धारित किया गया। यह संधि दशकों तक दोनों देशों के बीच जल बंटवारे का आधार रही, भले ही उनके बीच कई युद्ध और तनाव रहे पर संधि पर असर नहीं पड़ा था। लेकिन अब पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत ने इस समझौते को निलंबित करने जैसा कठोर क़दम उठाया है।