दिल्ली के नज़दीक नोएडा में रहने वाली दीप्ति पिछले दस दिनों से कोरोना टीका के रजिस्ट्रेशन के लिए परेशान हैं, पर उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही है। कोविन ऐप और आरोग्य सेतु ऐप, कोरोना टीके के रजिस्ट्रेशन के लिए ये दोनों ही ऐप रहस्यमयी और जादुई चीज साबित हो रहे हैं। आपको अपने घर के पास का अस्पताल नहीं मिलता है, मिलता है तो वह बुक हो चुका रहता है, कभी ओटीपी नहीं आता है तो कभी बीच में ही हैंग कर जाता है। कोरोना टीके की कीमत 150 रुपए के बदले 1250 रुपए तक चुकाने को तैयार लोगों के लिए इन ऐप पर रजिस्ट्रेशन हो जाना खुशकिस्मती है।
एक नज़र डालते हैं कोविन ऐप पर। 18 साल की उम्र से ज़्यादा, 45 की उम्र से ज़्यादा, कोवीशील्ड, कोवैक्सिन, फ्री और पेड कैटेगरी में जब आप अपने आसपास के अस्पताल ढूढतें है तो आपको घनघोर निराशा होती है। आसपास के 5-10 किलोमीटर के दायरे में बमुश्किल एक अस्पताल मिलता है। वहां आप जिस तारीख को खोलते हैं, वह बुक हो चुका रहता है और अगली सभी तारीखें नॉट एवेलेवल या एनए मार्क की हुई मिलती हैं।
बुक करने में दिक्क़तें!
आपके इलाके का वह अस्पताल सुबह-सुबह बुक इसलिए पाया जाता है कि पिछली रात को 12 बज कर एक मिनट होते ही लोग इस पर लग जाते हैं, बमुश्किल एक घंटे में वह बुक हो जाता है। इस दौरान आपको कई बार ओटीपी नहीं मिलता है, कई बार साइट हैंग करता है, कई बार प्रोसेस रुक जाता है। खैर, आपको इन तमाम बाधाओं को कुछ मिनटों में ही पार कर लेना है क्योंकि यह तारीख जल्द ही बुक हो जाने वाली है।
इसे थोड़ा और नज़दीक जाकर समझते हैं। नोएडा में रहने वाला कोई आदमी यदि कोविन वेबवसाइट से कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना चाहता है तो उसके पास क्या विकल्प है, चलिए देखते हैं। ग्रेटर नोएडा के जेवर और चिपियाना से लेकर सेक्टर 22 तक लगभग 25 अस्पतालों की सूची है, जिनमें सरकारी और निजी दोनों ही अस्पताल हैं।
नोएडा के सेक्टर 12 में रहने वाले मेरे लिए कोवीशील्ड टीका के लिए एक ही अस्पातल है जो मेरे नजदीक है, वह सेक्टर 22 स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र। यदि मैं पैसे देकर टीका लेना चाहूं तो एक ही केंद्र है और वह है सेक्टर 110 स्थित लोटस पनाचे स्थित यथार्थ सुपर स्पेशलिटी सेंटर। वह भी मेरे घर से लगभग 14 किलोमीटर दूर है। इतनी सी दूरी के लिए कैब वाला आपसे 500 रुपए वसूल सकता है।
इसके अलावा 18 साल की उम्र से अधिक और 44 से कम की आयु वर्ग के लिए निजी क्षेत्र में सेक्टर 19 स्थित मैक्स सुपरस्पेलिटी और सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस भी हैं। तीनों जगह टीके की तीन कीमते हैं-850 रुपए, 900 रुपए और 1250 रुपए।
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टीका नहीं है!
अब अगला पड़ाव, यानी अगली दिक्कत। आप टीके का रजिस्ट्रेशन स्लिप और आधार कार्ड लेकर नियत समय पर तय अस्पताल में पहुँचते हैं तो आपको बताया जाता है कि आज आपको टीका नहीं दिया जा सकता है। क्यों भला, आपके सवाल पर वहां झल्लाया हुआ कर्मचारी कहता है, टीका ख़त्म हो चुका है।
आप किसी से शिकायत नहीं कर सकते, इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। आपके पूछने पर अस्पताल के लोग आपसे कहते हैं कि आपको फिर से रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जो आज का रजिस्ट्रेशन है, वह बस आज तक के लिए ही वैध है।
इस पूरी प्रक्रिया को दुहराने के बाद जब अगली बार आप आएंगे तो टीका रहेगा ही, इसकी क्या गारंटी है? कोई गारंटी नहीं है।
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दूसरी खुराक!
चलिए जिन्होंने पहली खुराक ले ली थी, वे क्या करें। मैंने सेक्टर 11 के एक निजी अस्पताल में 250 रुपए देकर पहली खुराक ली थी। बड़े आराम से एक दिन पहले अस्पताल के काउंटर पर पैसे देकर स्लिप बन गया था। अगले ही दिन टीका भी मिल गया। लेकिन उस समय 18 से 44 के बीच के लोगों को टीका देने का एलान नहीं हुआ था।
सेक्टर 11 नोएडा का वह अस्पताल कोरोना अस्पताल घोषित हो चुका है, उसने मुझे साफ कह दिया कि वह कोरोना की दूसरी खुराक नहीं दे सकता। मेरी उम्र 45 से अधिक है और मेरे पास एक ही विकल्प है और वह है सेक्टर 110 जाकर पैसे देकर टीका लगवाना। लेकिन उसके लिए मुझे अलग से रजिस्ट्रेशन कराना होगा, फिर से तारीख लेनी होगी।
मुझे उस अस्पताल को 1250 रुपए भी देने होंगे। पहला टीका मैंने 250 रुपए में लिया था। अस्पताल जाकर भी टीका मिल ही जाएगा, इसकी कोई गारंटी कोई नहीं दे सकता। रहा तो मिल जाएगा, नहीं तो फिर स्लिप बनवाना होगा, फिर 14 किलोमीटर जाकर तकदीर आजमाना होगा।
यह मामला तब से शुरू हुआ जब केंद्र सरकार ने 18 साल से उम्र के ऊपर के हर किसी को टीका देने का एलान किया। इसकी वजह यह है कि इस आयु वर्ग के लगकभग 65-70 करोड़ लोग भारत में हैं। सरकार के पास टीका नहीं, प्रतिस्पर्द्धात्मक राजनीति में एलान तो कर दिया, टीका पहले से कम हो गया। टीका नहीं है तो क्या देंगे? सारी अव्यवस्था बगैर किसी योजना बगैर टीके की व्यवस्था किए ही सबको देने का एलान करने से हुआ।
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