मातुआ एक हिन्दू वैष्णव पंथ है, जिसकी स्थापना 1860 में हरिचाँद ठाकुर ने की थी। मातुआ पंथ में यकीन करने वालों का कहना है कि हरिचाँद ठाकुर विष्णु के अवतार थे, जिन्हें ईश्वर ने इस पृथ्वी पर धर्म फैलाने के लिए भेजा था।
मातुआ समुदाय को खींचने की कोशिश में बीजेपी
- पश्चिम बंगाल
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- 22 Mar, 2021

मातुआ एक हिन्दू वैष्णव पंथ है, जिसकी स्थापना 1860 में हरिचाँद ठाकुर ने की थी। मातुआ पंथ में यकीन करने वालों का कहना है कि हरिचाँद ठाकुर विष्णु के अवतार थे, जिन्हें ईश्वर ने इस पृथ्वी पर धर्म फैलाने के लिए भेजा था।
नामशूद्र दलित परिवार में जन्मे ठाकुर को बचपन में ही धर्म का ज्ञान हो गया था, जिसे उन्होंने 12 दिशा-निर्देशों के रूप में अपने लोगों के बीच प्रचारित किया। इस पंथ में 'स्वयं दीक्षित' की अवधारणा है, जिसके तहत जो व्यक्ति इन 12 दिशा निर्देशों को मानता है, वह अपने आप मातुआ समुदाय का सदस्य हो गया, उसे अलग से धर्म में दीक्षित होने की ज़रूरत नहीं है।