पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले में वक़्फ़ विरोधी क़ानून के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन और हिंसा तो थम गई है और हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। लेकिन इस मुद्दे पर शुरू हुई राजनीति थमने की बजाय लगातार तेज हो रही है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों ने इस हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। दोन के आरोप में एक बात कॉमन है। वह यह कि यह हिंसा बाहरी व्यक्तियों के जरिए कराई गई है। भाजपा के एक नेता ने तो राज्य में विवादास्पद अफस्पा कानून लागू करने तक की मांग उठा दी है। पार्टी ने इस मामले की जांच एनआईए से कराने की भी मांग उठाई है।
जिले के धुलियान, सूती और शमशेरगंज इलाको में बीते शुक्रवार से होने वाली हिंसा रोकने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर संवेदनशील इलाकों में राज्य पुलिस के जवानों के अलावा केंद्रीय बलों की 17 कंपनियां तैनात की गई हैं। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने कहा कि इलाके में परिस्थिति अब नियंत्रण में है। मंगलवार को नए साल के पहले दिन इलाके में धीरे-धीरे मिठाई और दवा की कुछ दुकानें तो खुली हैं। लेकिन इस हिंसा ने नए साल की रौनक फीकी कर दी है।