पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में पुलिस ने फ्लैगमार्त किया। हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यह हिंसा वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस घटना के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। दोनों दलों ने दावा किया है कि हिंसा में शामिल लोग स्थानीय नहीं थे और बाहरी तत्वों ने इसे भड़काया।
मुर्शिदाबाद के सुति, धुलियान और समसेरगंज जैसे क्षेत्रों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ 8 अप्रैल से विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। ये प्रदर्शन शुक्रवार को हिंसक हो गए, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस जीपों को आग के हवाले कर दिया, कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किया और रेल पटरियों पर धरना दिया। इस हिंसा में एक पिता-पुत्र की जोड़ी, हरगोबिंद दास (72) और चंदन दास (40), सहित तीन लोगों की मौत हो गई। एक अन्य व्यक्ति गोली लगने से मारा गया। इसके अलावा, टीएमसी के स्थानीय सांसद खलीलुर रहमान के कार्यालय और विधायक मनीरुल इस्लाम के घर पर भी हमला हुआ।