पाँच राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल का पहली बार विस्तार कर सकते हैं। भविष्य के चुनावों के अलावा अतीत में दूसरे दलों से आए हुए लोगों और अपनी ही पार्टी के कुछ लोगों को भी एडजस्ट करने की कोशिश इस विस्तार में की जा सकती है। जातीय, क्षेत्रीय व दलीय राजनीति को भी साधने की कोशिशें इस मंत्रिमंडल विस्तार में की जा सकती हैं।