मोदी अपनी तीसरी पारी के साथ भारत को दुनिया की तीसरी इकॉनमी बनने का दम भर कर एक नया ताकतवर सपना दिखा रहे हैं, क्या विपक्ष के पास कोई मज़बूत सपना है बेचने के लिए? आख़िर विपक्ष कैसे लड़ेगा मोदी से?
सलमान खुर्शीद के बाद मनीष तिवारी कांग्रेस के ऐसे दूसरे नेता हैं, जिनकी किताब को लेकर विवाद हो रहा है। निश्चित रूप से इसने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है।
लोकसभा चुनाव तो बीजेपी प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़ती ही है, विधानसभा चुनावों में भी उनका ही चेहरा आगे क्यों किया जाता है? क्या इसीलिए गुजरात और उत्तराखंड जैसे राज्यों में मुख्यमंत्री के रूप में नये चेहरे उतारे जाते हैं?
संघ प्रमुख मोहन भागवत हिन्दू राष्ट्र की कल्पना पर ज़ोर देते हैं, लेकिन साथ ही अब सामाजिक समरसता और दूसरे समुदाय के लोगों से संपर्क को बढ़ावा देना भी चाहते हैं। क्या भागवत संघ को बदलने की कोशिश में हैं?
मोदी सरकार पर ओबीसी जातियों की सूची बनाने का अधिकार राज्यों को सौंपने वाले विधेयक पास होने के बाद जनगणना में ओबीसी जातियों की गिनती कराने की मांग का दबाव भी बढ़ने लगा है।
आरएसएस राजनीतिक विरोधियों से गले मिलने की तैयारी कर रहा है ताकि यह भरोसा दिलाया जा सके कि संघ किसी विरोधी विचारधारा के ख़िलाफ़ नहीं है। आरएसएस हाईकमान देश के तमाम राज्यों के ग़ैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों से मुलाक़ात शुरू करेगा।
क़रीब चालीस साल से आरएसएस ने राम जन्मभूमि आंदोलन की कमान अपने हाथ में ही रखी है। और अब मंदिर निर्माण और अयोध्या प्रोजेक्ट की ज़िम्मेदारी संघ के सरकार्यवाह रहे भैयाजी जोशी को सौंपी गई है।