किताबों को लेकर हंगामा होना यूं तो आम बात है। कई बार हंगामा या नाराजगी इस हद तक पहुंच जाती है कि किताब को बैन करने की मांग होने लगती है तो कभी किताबों को जलाने और उसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन होने लगते हैं।