आधी रात का वक़्त जब 12 बज रहे थे, देश जाग रहा था। जोश था, उत्साह था। बरसों बरस से जिस सुबह का यह मुल्क़ इंतज़ार कर रहा था, वह सुबह उस रात के बाद आने वाली थी। वह दावा अब बेमानी हो गया था कि अंग्रेज़ों के राज का सूरज कभी डूबने वाला नहीं है।
14 अगस्त की आधी रात जब नेहरू ने दिया था 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' भाषण
- इतिहास का सच
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- विजय त्रिवेदी
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- 14 Aug, 2021


विजय त्रिवेदी
जब पूरा देश जाग कर नेहरू का ऐतिहासिक भाषण सुन रहा था, उस दिन महात्मा गांधी ने यह भाषण नहीं सुना और वे रात नौ बजे सोने चले गए थे।
14 अगस्त की शाम जब सूरज डूब रहा था, तब आखिरी बार ब्रिटिश राज का झंडा यूनियन जैक उतार लिया गया और देश की संविधान सभा ने देश की सत्ता भारतीयों के हाथों में आने का ऐलान किया।
विजय त्रिवेदी
विजय त्रिवेदी वरिष्ठ पत्रकार हैं