भारत की संविधान सभा का गठन 1946 में हुआ था. उस समय तक भारत विधिवत आज़ाद नहीं हुआ था. परंतु 14 अगस्त, 1947 को मध्य रात्रि में संविधान सभा ने आज़ाद भारत की सर्वोच्च शक्ति सम्पन्न संस्था के रूप में आज़ाद भारत की सत्ता ग्रहण की थी. वह क्षण हमारे देश का प्रसन्नता, आशाओं और आकांक्षाओं से भरपूर था. उस दिन ठीक रात्रि के 12 बजे संविधान सभा ने एक प्रस्ताव स्वीकार कर सत्ता के हस्तांतरण को स्वीकार किया था. ठीक रात्रि के 12 बजे संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने एक अत्यधिक महत्वपूर्ण शपथ सदस्यों को दिलाई थी और उसी के माध्यम से देश की सत्ता संचालन का अधिकार संविधान सभा में निहित किया गया था. उसी रात्रि संविधान सभा ने यह भी तय किया था कि लार्ड माउंटबैटन आज़ाद भारत के प्रथम गवर्नर जनरल होंगे.