सत्रह सितंबर 1948 को हैदराबाद रियासत का भारत में विलय हुआ. हालांकि हैदराबाद को भारत का हिस्सा बनाने की कार्यवाही को पुलिस एक्शन कहा जाता है लेकिन वास्तव में यह काम भारतीय सेना ने किया था. इसे आपरेशन पोलो का नाम दिया गया था और इसे जनरल चौधरी के नेतृत्व में अंजाम दिया गया. इसकी याद में भाजपा इस दिन को हैदराबाद मुक्ति दिवस के नाम से मनाती है, वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार इसे प्रजा पालन दिवस (लोकतंत्र के आगाज़ के दिन) के रूप में याद करती है. भाजपा नेता किशन रेड्डी ने कहा है कि इसे हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में न मनाना उन लोगों का अपमान है जिन्होंने सैन्य कार्यवाही के जरिए हुए हैदरबाद के विलय के संघर्ष में अपने जीवन का बलिदान दिया था.