साल 2004  के चुनावों से पहले ‘शाइनिंग इंडिया’ यात्रा के दौरान उस दौड़ते एयरकंडीशंड रथ में मैं  बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी का इंटरव्यू कर रहा था। सवाल था कि पूरे जीवन में आप किसे अपना इकलौता मित्र कहेंगे। बिना एक क्षण रुके आडवाणी ने कहा, ‘वाजपेयी जी!’ फिर रुक कर बोले, ‘वाजपेयी जी मेरे मित्र ही नहीं हैं, मेरे गाईड भी हैं, मेरे नेता भी हैं। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है और मुझे अब भी इस बात को कहने में कोई संकोच नहीं है कि मैं उन जैसा भाषण नहीं दे सकता। वाजपेयी जितना लोकप्रिय नेता कोई दूसरा नहीं है।’