एक किताब आई है, जिसमें गुजरात दंगों के समय के कुछ तथ्यों का खुलासा किया गया है। किताब में बताया गया है कि भाजपा संसदीय बोर्ड ने गुजरात दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री पद से हटाने की अटल बिहारी वाजपेयी की मांग को भारी बहुमत से खारिज कर दिया। अटल उस समय प्रधानमंत्री थे। लेकिन एम. वेंकैया नायडू ने वाजपेयी को ऐसा न करने के लिए मना लिया। वाजपेयी ने उस समय जुमला कहा था- मोदी राजधर्म का पालन करें।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एक बार फिर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई से अपने लगाव का इजहार किया है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
देश में बहस चल रही है कि राहुल गांधी अपनी लंदन यात्रा के दौरान एक विदेशी ज़मीन से प्रधानमंत्री पर प्रहार कर भारत की छवि को कमजोर कर रहे हैं। पिछले साल मई माह में लिखे गए प्रसिद्ध पत्रकार श्रवण गर्ग के इस आलेख से इस बात की थोड़ी जानकारी मिल सकती है कि अपनी विदेश यात्राओं के दौरान मोदी बतौर पीएम विदेशों में हमारे अतीत के नायकों को किस तरह पेश करते हैं !
अटल बिहारी वाजपेयी को राहुल की श्रद्धांजलि क्या सियासी मास्टर स्ट्रोक थी? ऐसा करके क्या उन्होंने बीजेपी के कट्टरपंथियों को धर्मसंकट में डाल दिया? बीजेपी नेता इससे इतना तिलमिलाए हुए क्यों हैं? राहुल की देखादेखी काँग्रेसियों ने अटल के गुणगान करके क्या संकेत देने की कोशिश की है? क्या ये राहुल और काँग्रेस के वैचारिक भ्रम को नहीं दर्शाता है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समाधिस्थल पर जब श्रद्धांजलि दी तो बीजेपी ने सवाल क्यों उठाए? क्या श्रद्धांजलि देकर उन्होंने ग़लती कर दी?
बीजेपी स्थापना दिवस । कैसे बीजेपी 2 से 303 सीट वाली पार्टी बनी ? कैसे हुआ ये कमाल - विचारधारा, संगठन या नेतृत्व ? वाजपेयी-आडवाणी या मोदी-शाह कौन है बीजेपी को अपराजेय बनाने के लिये ज़िम्मेदार ? क्या 2024 में मोदी को हराया जा सकता है ? आशुतोष के साथ चर्चा में अभय कुमार दुबे, नलिन मेहता और विजय त्रिवेदी ।
वरुण गांधी अचानक बागी तेवर क्यों दिखा रहे हैं? किसानों के पक्ष में सरकार पर सवाल उठाए? अब अटलजी के बहाने सीधे मोदी पर निशाना। आखिर वरुण की पॉलिटिक्स क्या है? आलोक जोशी के साथ वी एम सिंह, शरत प्रधान, विनोद अग्निहोत्री, अंबरीश कुमार और हिमांशु बाजपेई।
जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35ए को हटाने के क़रीब दो साल बाद केन्द्र सरकार फिर से राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश में है। प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के लिए गुपकार ग्रुप के नेता तैयार हो गए हैं।
‘अछूत’ माने जाने वाली बीजेपी को कैसे वाजपेयी ने खड़ा किया? आडवाणी और वाजपेयी में क्या था बड़ा फर्क़? मोदी को लेकर क्या सोचते थे वाजपेयी? देखिए वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी की खास बातचीत अटल बिहारी वाजपेयी पर किताब लिखने वाले शक्ति सिन्हा के साथ।
भारत के चार ख़ास प्रधानमंत्री किसी जाति, संप्रदाय, मज़हब, भाषा या वर्ग-विशेष के प्रतिनिधि नहीं थे। वे संपूर्ण भारत के प्रतिनिधि थे। वे प्रधानमंत्री थे, प्रचारमंत्री नहीं थे। वे प्रधानसेवक थे, प्रधानमालिक नहीं थे। वे सर्वसमावेशी थे, वे सर्वज्ञ नहीं थे।
राजस्थान के बहाने कांग्रेस की लड़ाई सड़क से लेकर अदालत तक पहुँच गई है और लगता है कि राजनेताओं ने आचार-व्यवहार की भी सभी सीमाएँ लाँघ दी हैं। कल तक एक-दूसरे के साथ गले मिलने वाले लोग अब एक-दूसरे का गला काटने पर उतारू हो गए हैं।