श्रीनगर की डल झील में राजनीतिक बर्फ पिघलने के संकेत मिलने लगे हैं। जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35ए को हटाने के क़रीब दो साल बाद केन्द्र सरकार फिर से राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने की कोशिश में है। क़रीब 68 साल पहले 23 जून 1953 को जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का कश्मीर में ही संदेहास्पद स्थितियों में निधन हो गया था। उनका नारा था -‘एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नहीं चलेंगे’। मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को डॉ. मुखर्जी के उस स्वप्न को तो पूरा कर दिया, लेकिन ज़्यादातर लोगों का मानना है कि तब से जम्मू कश्मीर ना तो चैन की नींद सो पाया और ना ही उसके सपने पूरे होने का रास्ता आगे बढ़ा।