पूरे देश ने एक बार फिर कारगिल विजय दिवस और हमारे फौजियों की शहादत को याद किया है। कारगिल की जंग एक ऐसे फरेब की कहानी है जिसमें दोस्ती के भरोसे को तोड़ा गया। तब कुछ महीने पहले ही भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान से दोस्ती का हाथ बढ़ाने के लिए लाहौर यात्रा पर गए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ और वाजयेपी के बीच लाहौर समझौता भी हुआ, लेकिन उसके बाद पाकिस्तानी सेना ने कारगिल में घुसपैठ कर दी थी। उसके नायक थे पाकिस्तीन सेना प्रमुख जनरल परवेज़ मुशर्रफ़।
कारगिल युद्ध : पाकिस्तान के धोखे का भारत ने दिया करारा जवाब
- विचार
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- 26 Jul, 2022

नवाज़ शरीफ़ और अटल बिहारी वाजयेपी के बीच लाहौर समझौता हुआ, लेकिन उसके बाद भी पाकिस्तानी सेना ने कारगिल में घुसपैठ कर दी। लंबी लड़ाई के बाद 25 जुलाई को सभी तीन चोटियों से पाकिस्तानी कब्ज़े को हटा दिया गया और 26 जुलाई को ऑपरेशन विजय की कामयाबी का एलान किया गया। जिसे अब पूरा देश कारगिल विजय दिवस के तौर पर मनाता है।
हालाँकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने वाजयेपी को सफ़ाई देते हुए कहा था कि उन्हें इस बारे में कोई ख़बर नहीं है। मैंने कुछ साल बाद जब पाकिस्तान में लाहौर में ही शरीफ के निवास पर उनका इंटरव्यू किया तब भी शरीफ़ ने इस बात का दावा किया कि उन्हें पाकिस्तानी सेना के कारगिल में पहुँचने और घुसपैठ के प्लान के बारे में जानकारी नहीं थी।