केन्द्र में मोदी सरकार आने के बाद शायद यह पहला मौक़ा होगा कि जब कोई संविधान संशोधन विधेयक बिना किसी विरोध के संसद के दोनों सदनों में पास हो गया, खासतौर से तब जबकि पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया हो। संसद के मॉनसून सत्र में ओबीसी जातियों की सूची बनाने का अधिकार राज्यों को सौंपने वाले इस विधेयक पर किसी भी राजनीतिक दल ने विरोध नहीं किया।