प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात या उनका कोई भी भाषण सुने तो वो युवकों के लिए खास प्रेम और हमदर्दी दिखाते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत जब हम देखते हैं तो निराशा दिखती है। युवकों की एक ही मांग रही है बेरोजगारी से छुटकारा। भाजपा हर साल दो करोड़ नौकरियों के वादे के साथ सत्ता में आई थी। लेकिन उनके सामने अब जो स्थिति है, वो विचलित करने वाली है। स्तंभकार वंदिता मिश्रा ने पीएम के वादों, इरादों के नजरिए से भारतीय युवकों के हालात पर नजर डाली है।