ताजा बजट में सरकार ने एक बार फिर बेरोजगार युवाओं के साथ छल किया है। स्किल विकास का गाना तो फिर गाया गया है, लेकिन असलियत यह है कि 2016 से 2022 के दौरान कौशल अर्जित करने वाले श्रमिकों में से केवल 18% को रोजगार मिला है। अर्थात मूल मामला यह है कि रोजगार है ही नहीं, 82% कुशल मज़दूर तो पहले से ही बेरोज़गार हैं। दरअसल, रोज़गार के अवसर अर्थव्यवस्था में पैदा होते हैं, सही अर्थनीति से। और अधिक लोग कौशल अर्जित कर भी लें तब भी उन्हें रोजगार कैसे मिल जायेगा जब अर्थव्यवस्था में रोजगार है ही नहीं, नए अवसर पैदा ही नहीं हो रहे।