मुंबई एयरपोर्ट पर एयर इंडिया द्वारा एयरपोर्ट लोडर के लिए भर्ती अभियान के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। एक रिपोर्ट के अनुसार क़रीब दो हज़ार पदों के लिए 25,000 से अधिक आवेदक पहुंचे और एयर इंडिया के कर्मचारियों को भारी भीड़ को संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
यह घटना मंगलवार को हुई और अब सोशल मीडिया पर उस भीड़ का वीडियो सामने आया है। इसमें युवाओं की भारी भीड़ दिखती है। कार्यालय के बाहर उमड़ी भीड़ स्थिति की नियंत्रण से बाहर होती हुई भी दिखी।
रिपोर्ट है कि एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड द्वारा आयोजित वॉक-इन इंटरव्यू के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। रिपोर्ट है कि क़रीब दो हज़ार पद हैं। ये हैंडीमैन और यूटिलिटी एजेंट के पद हैं, जो विभिन्न मरम्मत और रखरखाव कार्य करते हैं। सीमित पदों के बावजूद, भर्ती कार्यालय के बाहर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई तो भगदड़ जैसी स्थिति को रोकने के लिए आवेदकों से कहा गया कि वे अपना बायोडाटा जमा करें और मौके से चले जाएं।
एविएशन इंडस्ट्री एम्प्लॉइज गिल्ड के महासचिव जॉर्ज अब्राम ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया का प्रबंधन कुप्रबंधित था तथा दावा किया कि साक्षात्कार के लिए 50,000 नौकरी चाहने वाले लोग आये थे।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार अब्राम ने कहा, 'मेरे सूत्रों के अनुसार, लगभग 50,000 लोग वहां आए थे। हमने कंपनी को इस तरह के अभियान के खिलाफ चेतावनी दी थी। वहां 1 किलोमीटर लंबी कतार थी। पुलिस को बुलाना पड़ा। आवेदकों से कहा गया कि वे अपना आवेदन छोड़ दें और उन्हें बाद में बुलाया जाएगा। 1,786 अप्रेंटिस और 16 यूटिलिटी एजेंट के पद खाली हैं। यह लोगों में बेरोजगारी को दर्शाता है।'
पदों के लिए न्यूनतम योग्यता एसएससी, 10वीं पास और अधिकतम आयु 23 वर्ष थी। वेतन 22,530 रुपये प्रति माह तय किया गया। यह पद 3 साल के निश्चित अवधि के अनुबंध के आधार पर है।
गुजरात में भी भगदड़ जैसी स्थिति दिखी थी
बता दें कि 9 जुलाई को गुजरात में भी ऐसी ही भगदड़ जैसी स्थिति देखने को मिली थी, जब अंकलेश्वर में एक फर्म द्वारा आयोजित वॉक-इन इंटरव्यू के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे थे।
थर्मैक्स लॉर्ड्स प्लाजा होटल अंकलेश्वर में शिफ्ट-इन-चार्ज, प्लांट ऑपरेटर, सुपरवाइजर, फिटर-मैकेनिकल और एग्जीक्यूटिव (ईटीपी) के पदों के लिए साक्षात्कार आयोजित कर रहा था। वहाँ सैकड़ों की तादाद में युवा पहुँच गए। युवा इंटरव्यू देने जाने के लिए ऐसी जद्दोजहद करते दिखे कि वहाँ रेलिंग टूट गई और कई युवा नीचे गिर गए।
राहुल ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "'बेरोज़गारी की बीमारी' भारत में महामारी का रूप ले चुकी है और भाजपा शासित राज्य इस बीमारी का 'एपिसेंटर' बन गए हैं। एक आम नौकरी के लिए कतारों में धक्के खाता ‘भारत का भविष्य’ ही नरेंद्र मोदी के ‘अमृतकाल’ की हकीकत है।'
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