सालाना दो करोड़ रोजगार दिलाने के वायदे पर साढ़े दस साल पहले सत्तारूढ़ हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं बीजेपी की केंद्र सरकार का बेरोजगारी से मानो चोली-दामन का साथ बन गया है। साल 2020 में युवाओं के ऐतिहासिक 22 फीसद बेरोजगारी की मार झेलने के बावजूद मोदी सरकार कोई ठोस रोजगार नीति बनाने में नाकाम रही है। जुलाई 2024 में पेष बजट में मोदी सरकार ने अप्रेंटिसशिप और कौशल विकास के लंबे-चैड़े कार्यक्रमों की घोषणा की मगर दिसंबर  2024 में भी बेरोजगारी दर सीएमआईई के मुताबिक 8.2 फीसद है।