तमिलनाडु में सरकार और राज्यपाल के बीच लंबे समय से जारी टकराव पर सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फ़ैसले से एक बड़े विवाद का अंत हो जाना चाहिए था। लेकिन इसने राज्यपालों की भूमिका, राष्ट्रपति के अधिकार, और केंद्र-राज्य संबंधों को लेकर एक नयी बहस छेड़ दी है। तमिलनाडु सरकार के पास किये गए विधेयकों को तीन-तीन साल तक दबा कर बैठने वाले राज्यपाल आर.एन. रवि पर अदालत की कड़ी टिप्पणी की गूँज पूरे देश है। यह केंद्र राज्य संबंधों को नये सिरे से पारिभाषित करेगी।