क्या होता है जब संविधान की रक्षा करने वालों लोग खुद को उससे ऊपर मानने लगते हैं? मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से कई राज्यपालों पर लोकतांत्रिक नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगा है। समझिए पूरे मामले को आशुतोष की बात में प्रो. फैजान मुस्तफा से।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।