जैसे जैसे चुनाव करीब आ रहा है, वैसे वैसे सत्तासीन नेताओं की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। कहीं पर पहले से चल रही स्थायी राज्य सरकारों को अपने में मिलाया जा रहा है, तो कहीं पर अपनी सरकारों से जन आंदोलनों को-जो वर्तमान सत्ता को नुकसान पहुँचा सकते हैं-आहत करने की कोशिश की जा रही है। 25 जनवरी, राष्ट्रीय मतदाता दिवस, पर बोलते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि- परिवारवादी पार्टियों की सरकारों के कार्यकाल में भारत के युवाओं का भविष्य ‘अंधकारमय’ बना दिया गया था। जबकि मौजूदा केंद्र सरकार ने उस स्थिति से बाहर निकाल लिया है।