ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर द्वारा ‘वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2025’ जारी कर दी गई है। जीवन की गुणवत्ता को आंकड़ों के माध्यम से परखने के लिए तैयार की जाने वाली इस रिपोर्ट को बनाने में यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क (UNSDSN) भी मदद करता है।जीवन की गुणवत्ता जिसे ख़ुशहाली का आधार माना जाता है, इसे मापने के लिए 6 महत्वपूर्ण संकेतकों का इस्तेमाल किया जाता है।इसमें पहला, देश में प्रति व्यक्ति जीडीपी; दूसरा, स्वस्थ जीवन प्रत्याशा; तीसरा, सामाजिक समर्थन; चौथा, जीवन में विकल्प चुनने की स्वतंत्रता; पाँचवाँ, दूसरों की मदद करने की इच्छा और छठा महत्वपूर्ण संकेतक है भ्रष्टाचार।
हैप्पीनेस इंडेक्स में आधी आबादी के अलग आयाम होते तो भारत ज़ीरो पर होता!
- विमर्श
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- 23 Mar, 2025

‘वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2025’ भारत को 118वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। यानी भारत इस सूचकांक में नेपाल, पाकिस्तान, यूक्रेन और फ़िलिस्तीन से भी बुरी स्थिति में है। यह बहुत चिंतित होने और सोचने की बात है कि फिलिस्तीन और यूक्रेन युद्ध में होने के बावजूद हैप्पीनेस में भारत से बेहतर हैं। स्तंभकार और वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा ने महिलाओं के संदर्भ में इस रिपोर्ट को खंगाला है, पढ़िएः