मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद मोहन यादव को राज्य को हिला देने वाले सेक्स स्कैंडल का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री पर इस मामले में एक्शन लेने का दबाव बढ़ता गया। आखिरकार उस अफसर को बर्खास्त करने से जुड़ी जानकारी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आधी रात को अपने एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर शेयर की। यादव ने कहा, ‘घोर निंदनीय और अमर्यादित कृत्य करने वाले बीज निगम के प्रक्षेत्र उत्पादन अधिकारी संजीव कुमार तंतुवाय की संविदा सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा हीन कार्य करने वाले किसी भी शख्स को शासकीय सेवा में रहने का कोई अधिकार नहीं है।’
क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के रीवां की मूल निवासी पीड़ित छात्रा ने नौकरी के बदले में सेक्स की डिमांड की शिकायत ग्वालियर क्राइम ब्रांच में की थी। छात्रा ग्वालियर में रहकर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में अध्ययन कर रही है। पीड़ित ने बीती 8 जनवरी को की गई शिकायत में बताया था, ‘वह ग्वालियर के कॉलेज में पढ़ती है। तीन जनवरी को ग्वालियर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के प्लेसमेंट सेल में मप्र राज्य बीज निगम ने उसका जॉब इंटरव्यू करवाया था। इंटरव्यू के कुछ घंटों बाद उसे कॉल और व्हाट्सएप मैसेज आने लगे थे। वॉटसएप और ट्रू-कॉलर पर कॉल करने वाले का नाम आ रहा था। कॉल करने वाले ने उससे कहा कि वो इंटरव्यू पैनल से है। आज (3 जनवरी को) उसने मेरा इंटरव्यू लिया है।’
शिकायत अनुसार…’स्वयं को इंटरव्यू पैनलिस्ट बताने वाले अफसर ने बाद में उससे (छात्रा से) व्हाट्सएप पर कहा कि सेलेक्शन करवा सकता है, लेकिन इससे उसका क्या फायदा होगा? कॉल पर बात करने की मांग की। कॉल पर उसने बैकग्राउंड और पर्सनल डिटेल जानी और जॉब के बदले सेक्स की डिमांड रखी। अफसर ने कहा एक घंटे में हां या ना बता दे।’ छात्रा के अनुसार उसने दो और सहपाठी छात्राओं के साथ भी ऐसी ही (नौकरी पाने के लिए सेक्स करने की) डिमांड की। शिकायतकर्ता छात्रा ने सेक्स की डिमांड करने वाले के कॉल की रिकार्डिंग और व्हाट्सएप के स्क्रीन शॉट भी प्रस्तुत किए।
क्राइम ब्रांच ने धारा 354-ए के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस छानबीन में सामने आया था कि आरोपी ने 3 जनवरी को मोबाइल नंबर (xxxx) से छात्रा को कॉल किया। जिसमें उसने गंदी डिमांड रखी। पड़ताल के बाद आरोपी को सिवनी से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में आरोपी ने माना था, ‘उससे गलती हुई है।’ मोबाइल की चैट वगैरह पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली है।
मर्यादित भाषा पर महिला अफसर हटाई गईमुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार देर शाम देवास जिले में पदस्थ महिला तहसीलदार अंजलि गुप्ता को भी मुख्यालय अटैच किया। इस मामले की जानकारी भी स्वयं यादव ने दी। महिला अफसर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में अफसर, दर्द बयां करते किसान और गांव वालों पर बरसती नज़र आयीं थीं।
देवास जिले के सोनकच्छ तहसील का मामला था। मामला बिजली पोल बिछाने का था। किसानों की शिकायत थी कि पोल बिछाने के काम से उनकी फसलें क्षतिग्रस्त हो गईं। जिम्मेदारी अफसर की बनती है। जिम्मेदारी वाली बात अफसर को नागवार गुजरी थी। वायरल वीडियो में महिला अधिकारी कहती नज़र आ रहीं थीं, ‘चूजे हैं ये, अंडे से निकले नहीं - बड़ी-बड़ी, मरने-मारने की बातें कर रहे हैं।’ अफसर यह भी कहती नज़र आयीं थी पोल बिछाने वाली कंपनी का सिलेक्शन उन्होंने नहीं किया है। सरकार ने किया है। सरकार को ग्रामीणों ने चुना है। उन्हें दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है।’
सीएम ने कलक्टर की छुट्टी की थी
मुख्यमंत्री यादव ने ट्रकों की हड़ताल के दौरान मध्य प्रदेश के शाजापुर में एक ट्रक ड्राइवर से अभ्रदता से पेश आने पर बीते दिनों कलक्टर को हटाया था। कलक्टर ने चर्चा के दौरान ड्राइवर को औकात में रहने का मशविरा दिया था। सीएम ने कलेक्टर के अंदाज और भाषा को असंयत करार देते हुए कलेक्टर को जिले से हटाने की कार्रवाई की थी।
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