आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को आज तोड़ दिया गया तो इसका क्या असर होगा? क्या इससे वंचितों को मिल रहे मामूली से हिस्से भी प्रभावित होंगे? इस पर क्या प्रतिक्रिया होगी?
पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा उत्तर प्रदेश के चुनाव में चर्चा में है। कर्मचारी इसे लागू करने की मांग को लेकर कई बार सड़कों पर भी उतर चुके हैं। क्यों चर्चा में है यह मुद्दा?
न्यायालय के इस फैसले से यह अर्थ निकलता है कि जिस पद पर संबंधित व्यक्ति का प्रमोशन किया जाना है, सरकार को यह देखना है कि उस पद पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व है या नहीं।
मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली नीट को लेकर विवाद है। इस बीच तमिलनाडु सरकार ने राज्य में नीट को ख़त्म करने का फ़ैसला किया है। उसने तर्क दिया है कि यह परीक्षा ग़रीबों को दरकिनार करती है।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने तमिलनाडु की दो दलित महिलावादी लेखिकाओं बामा फौस्टीना सूसाईराज और सुखरधारिणी को अंग्रेजी के पाठ्यक्रम से निकाल दिया है। साथ ही महाश्वेता देवी की कहानी “द्रौपदी” को भी पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया गया।
निम्न जातियों को अभी भी जाति असहज करती है और इन जातियों के लोग अपनी जाति का खुलासा करने से हिचकिचाते हैं। वहीं, बीजेपी निम्न जातियों के माथे पर जाति का ठप्पा लगा देने की कवायद में जुटी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से संबोधन में दलितों, पिछड़ों और गरीब तबके के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों को गिनाने की भरपूर कवायद की। पर क्या सच में उनको इसकी फ़िक्र है?
नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जातीय समीकरण और मंत्रियों की जाति बताए जाने का प्रचार जोर शोर से चल रहा है। यूपी से 7 मंत्रियों को मंत्रिपरिषद में जगह देकर आख़िर किसको साधने की कोशिश की गई है?
मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 14 प्रतिशत आरक्षण मिलता है। यह ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मंडल कमीशन की सिफारिशों की तुलना में बहुत कम है।
उत्तर प्रदेश में छुट्टा पशुओं की समस्या किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। खेत ही नहीं, घर के आसपास सब्जी बोने पर भी आफत है। गोरक्षा के नाम पर सरकार की ओर से किए गए बदलावों ने इस मुसीबत को कई गुना बढ़ा दिया है।