बिहार में जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू और भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा का गठबंधन टूट चुका है। इसे लेकर तरह-तरह के कयासों के दौर चल रहे हैं। भविष्य में इसके असर के बारे में अनुमान लगाए जाने लगे हैं। 2024 के चुनाव की राजनीतिक गणित शुरू हो गई है। खासकर भारतीय जनता पार्टी के शासन व उसकी विचारधाराओं के विरोधी इस परिवर्तन से खासे उत्साहित हैं। नए गठबंधन से नई राजनीति के तरह-तरह के सपने बुने जा रहे हैं।
विपक्ष की दुर्गति के दौर में बिहार में सत्ता परिवर्तन के मायने
- विश्लेषण
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- 10 Aug, 2022

नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन तोड़कर महागठबंधन में शामिल होने के मायने क्या हैं? क्या 2024 के लिए विपक्ष के लिए एक संदेश है?
सबसे अहम सपना 2024 के चुनाव को लेकर है। कयास यह लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने विपक्ष से कोई डीलिंग की है, जिससे वह 2024 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी यूपीए नेतृत्व में प्रधानमंत्री पद का चेहरा बन सकें।