माओवादियों का दंडकारण्य से नेपाल तक का लाल गलियारा उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली से होकर गुजरता है। 1997 से लेकर 2007 तक यह इलाका बेहद अशांत रहा, जहां अब नक्सलवाद पर पूरी तरह काबू पाया जा चुका है। यह तीनों उत्तर प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले हैं, जिनकी सीमाएं बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ को छूती हैं।
यूपी में 2010 में खत्म हुई माओवादी हिंसा, देश से कब होगी?
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- 10 Apr, 2021

माओवादियों का दंडकारण्य से नेपाल तक का लाल गलियारा उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली से होकर गुजरता है।
इन तीन पठारी जिलों के नगवा, चतरा, चोपन और कोन के जंगल छत्तीसगढ़, बिहार, मध्य प्रदेश व झारखंड के माओवादियों के बड़े केंद्र बन गए थे, जहां 1997 के आसपास माओवादी गतिविधियां और हिंसा शुरू हुई।