तमाम कवायदों के बावजूद भारत में जाति गंभीर समस्या बनी हुई है। सरकारी नौकरियों से लेकर शिक्षा तक में आरक्षण दिए जाने के बाद सरकारी और निजी क्षेत्र में मलाईदार पदों पर उच्च कही जाने वाली जातियां बनी हुई हैं, जिनकी कुल जनसंख्या में हिस्सेदारी 15 प्रतिशत से कम है।