केंद्र सरकार ने अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) की जनगणना कराने की मांग स्पष्ट रूप से खारिज कर दी है। संसद में सरकार ने कहा है कि ऐसी कोई योजना नहीं है। इससे भारतीय जनता पार्टी और बिहार में उसके सहयोगी जनता दल यूनाइडेट के बीच टकराव की पूरी संभावना बन रही है। नीतीश कुमार जाति जनगणना के कट्टर समर्थक रहे हैं।
क्या जाति जनगणना पर केंद्र से टकराने को तैयार हैं नीतीश कुमार?
- विचार
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- 18 Mar, 2021

केंद्र सरकार ने ओबीसी की जनगणना कराने की मांग खारिज कर दी है। संसद में सरकार ने कहा है कि ऐसी कोई योजना नहीं है। बीजेपी और बिहार में उसके सहयोगी जदयू के बीच टकराव की पूरी संभावना बन रही है।
ओबीसी की जनगणना कराने की सबसे पहले मांग मंडल कमीशन ने की थी। मंडल कमीशन को जातियों की संख्या के आँकड़े 1931 की जनगणना से लेना पड़ा था और उसके आधार पर यह अनुमान लगाया गया था कि देश में ओबीसी की आबादी 52 प्रतिशत है। 1981 की जनगणना में जाति जनगणना कराने के बारे में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने कहा कि इसकी प्रक्रिया क़रीब पूरी हो चुकी है, इसलिए आयोग की इस मांग पर विचार कर पाना संभव नहीं है।