हिंदू धर्म आचार्य सभा के अध्यक्ष अवधेशानंद ने लिखा, "समलैंगिक विवाह को वैध बनाना भारत जैसे देश में गंभीर विसंगतियों को पैदा करके। इससे एक राष्ट्र की दिव्य वैदिक मान्यताओं, सांस्कृतिक प्रथाओं और सामाजिक विकास के विभिन्न तरेकों को नष्ट करके मानव अस्तित्व के लिए हानिकारक साबित होगा।
स्वीकार- द रेनबो पैरेंट्स ने अपने पत्र में लिखा कि “हम अपने बच्चों और दामादों को अपने देश में विशेष विवाह अधिनियम के तहत अपने रिश्ते के लिए अंतिम कानूनी स्वीकृति प्राप्त करने की मांग रखते हैं।
भारत के सुप्रीम कोर्ट में सेम सेक्स मैरिज को लेकर बहस चल रही है। सरकार सहित तमाम धार्मिक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। विरोध का आधार परिवार नामक इकाई और लिंग निर्धारण करने के तरीकों को बनाया गया है।
केंद्र की मोदी सरकार ने कहा कि 'सेम सेक्स मैरिज एक अर्बन एलिटिस्ट कॉन्सेप्ट (यानी शहर के कुलीन लोगों की अवधारणा) है जिसका देश के सामाजिक लोकाचार से कोई लेना देना नहीं है।
ट्विटर ने अपने पक्ष में तर्क दिया कि किसी ट्वीट विशेष के लिए अकाउंट हटाने का केंद्र का निर्देश आईटी एक्ट की धारा 69 ए के खिलाफ है, साथ ही आर्टिकल 14 में निहित समानता के अधिकार का भी उल्लंघन है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अजीब सा वाकिया देखने को मिला, शुरुआत हुई एक बैंच द्वारा मामला दूसरी बैंच में भेजे जाने को लेकर जिसपर दूसरी बैंच ने खुले तौर पर अपनी नाखुशी जताई।
आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज कई मुद्दों को साफ कर दिया। मेडिकल परीक्षा में ओबीसी आरक्षण पर अपना विस्तृत आदेश जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कई महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं। जानिए पूरी बात।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण जरूरी है। प्रतियोगी परीक्षाएं आर्थिक सामाजिक लाभ को नहीं दर्शाती हैं जो कुछ वर्गों के लिए अर्जित किया जाता है।
हरिद्वार धर्म संसद में नफरती भाषण देने वाले कथित संत यति नरसिंहानंद पर अवमानना की कार्यवाही चलाने के लिए एक एक्टिविस्ट ने भारत के अटॉर्नी (एजी) जनरल से उनकी अनुमति मांगी है। अटॉर्नी जनरल की नियुक्ति भारत सरकार करती है। केंद्र में इस समय बीजेपी की सरकार है। क्या मोदी सरकार यह अनुमति एजी को देगी।
यूपी के स्याना (बुलंदशहर) में हिंसा के दौरान मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या और वहां हुई हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज को सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिनों में सरेंडर करने का आदेश दिया है। आरोपी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वूर्ण टिप्पणियां की हैं और साथ ही राज्य सरकार की भी खिंचाई की है।
बाल विवाह संशोधन कानून में बदलाव करके केंद्र सरकार लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करना चाहती है। इससे संबंधित विधेयक को स्थायी समिति के पास विचार के लिए भेजा गया है। लेकिन जिस समिति को इस पर विचार करना है, उसमें कुल एक महिला सांसद सुष्मिता देव हैं। अब उन्होंने समिति के अध्यक्ष को पत्र लिखकर सभी दलों की महिला सांसदों को इस समिति के सामने बुलाने का अनुरोध किया है, ताकि इस मुद्दे पर व्यापक बहस हो।