सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव को 12 फ़रवरी को अदालत के सामने पेश होने को कहा है। मुज़फ़्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुनवाई के दौरान आज कोर्ट का रुख बेहद सख़्त रहा। कोर्ट ने राव के साथ ही एक अन्य अधिकारी को भी कोर्ट के सामने उपस्थित होने को कहा है।
Supreme Court seeks personal appearance on February 12 of former interim CBI director M Nageswara Rao and one other official, incharge of Director Prosecution, associated in the transfer of CBI officer AK Sharma probing Muzaffarpur shelter home case. pic.twitter.com/d3liyHqJ87
— ANI (@ANI) February 7, 2019
Supreme Court says that former CBI interim director M Nageswara Rao has prima facie committed contempt of court by transferring CBI officer AK Sharma, who was probing Muzaffarpur shelter home rape case, without taking court’s consent.
— ANI (@ANI) February 7, 2019
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हम इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। कोर्ट ने बेहद सख़्त टिप्पणी करते हुए कहा कि आपने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ किया है। अब भगवान ही आपकी मदद कर सकता है।
“We are going to take it very very seriously. You have played with order of Supreme Court of India. God help you. Never play with SCs order,”Chief Justice Ranjan Gogoi says after CBI counsel informed that 2 officials including M Nageswara Rao were involved in transferring Sharma. https://t.co/LSTnGwoJiY
— ANI (@ANI) February 7, 2019
इस मामले में आरोपी बिहार सरकार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को आत्मसमर्पण करना पड़ा था। मामला सामने आने के बाद वह दो महीने तक फ़रार रही थीं। मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को मंजू वर्मा का क़रीबी माना जाता है। मंजू वर्मा के पति चन्द्रशेखर वर्मा को भी कोर्ट में आत्मसमर्पण करना पड़ा था।
मंजू वर्मा की गिरफ़्तारी न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस को लताड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में राज्य के डीजीपी को पेश होने का भी आदेश दिया था। शेल्टर होम में 34 लड़कियों से दुष्कर्म होने के इस मामले में नीतीश सरकार की ख़ासी बदनामी हुई थी।
अपनी राय बतायें