एजी को लिखे पत्र में, कार्यकर्ता उस इंटरव्यू में नरसिंहानंद की टिप्पणी को "अपमानजनक" कहा है।
I have sought consent from the AG KK Venugopal to initiate contempt of court proceedings against Yati Narsinghanand for his abhorrent statements against the Constitution and the SC.
— Shachi Nelli (@nellipiercing) January 14, 2022
Any attempt to undermine the authority of India’s institutions must be dealt with seriousness. https://t.co/cgquXOMBXG pic.twitter.com/szeYpKV4Vt
पत्र में इस बातचीत की एक क्लिप का उल्लेख है जिसमें नरसिंहानंद कहता है, "जब जितेंद्र सिंह त्यागी ने वसीम रिज़वी के नाम से अपनी किताब लिखी, तो एक भी पुलिसकर्मी और हिजड़े' राजनेताओं में से एक में भी उसे गिरफ्तार करने का साहस नहीं था। ।"
यह टिप्पणियां संविधान और अदालतों की "अखंडता पर अपमानजनक बयानबाजी और आधारहीन हमलों" के माध्यम से हस्तक्षेप करने का एक नीच और स्पष्ट प्रयास है।
पत्र में कहा गया है, "इन टिप्पणियों पर कार्रवाई न होना शीर्ष अदालत के अधिकार को कम करने के इस प्रयास को सफल होने देना होगा। यदि पूरी तरह से नहीं तो काफी हद तक।"
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