
प्रभु चावला
प्रसिद्ध पत्रकार/संपादक, एडीटोरियल डायरेक्टर-द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, पद्म भूषण से सम्मानित।
जयशंकर के रहते भारतीय डिप्लोमेसी ने कई सेल्फ़ गोल किए!
- • विचार • 6 Apr, 2023
यूक्रेन युद्ध का जानवर कॉरपोरेट जगत के लोभ पर पलता है
- • विचार • 22 Feb, 2022
कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिए पुरानी बोतल में युवा शराब
- • विचार • 27 Feb, 2022
विधानसभा चुनाव: विचारधाराएँ मर चुकी हैं, व्यक्ति चिरायु हों
- • विचार • 28 Feb, 2022
सुस्त और चापलूस कोरोना विशेषज्ञों की वजह से खराब हो रहा है ब्रांड मोदी!
- • विचार • 20 Dec, 2021
अफ़सरशाही और नीति आयोग में अहम बदलाव करेंगे मोदी?
- • विचार • 17 Nov, 2021
भारतीय राजनीति के त्रिदेव हैं पीएम नरेंद्र मोदी
- • विचार • 11 Oct, 2021
लोकतांत्रिक व्यवस्था में क्या सेना का जनरल नैरेटिव तय कर सकता है?
- • विचार • 20 Sep, 2021
क्या विदेशी मंत्री के रूप में जयशंकर नाकाम रहे हैं?
- • विश्लेषण • 13 Sep, 2021
1.3 अरब जनसंख्या वाले देश में प्रतिभा का अकाल!
- • विचार • 30 Aug, 2021
नागरिकता क़ानून : असहमति से इनकार की नीति से बीजेपी को होगा नुक़सान
- • विचार • 21 Dec, 2019
जेएनयू : वैचारिक विशेषाधिकार बनाम राष्ट्रवाद
- • विचार • 21 Nov, 2019
5 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का क्या है मोदी फ़ॉर्मूला?
- • सच्ची बात • 15 Jul, 2019
बीजेपी क्यों नहीं हटाती अनुच्छेद 370?
- • वीडियो • 3 Jul, 2019
प्रभु की टेढ़ी बात: कैसा होगा मोदी का न्यू इंडिया?
- • वीडियो • 27 Jun, 2019
'एक देश एक चुनाव' से ख़त्म होगा संघीय ढाँचा?
- • वीडियो • 19 Jun, 2019
विभाजनकारी नारों से लोकतंत्र नहीं होगा मजबूत
- • सच्ची बात • 29 Mar, 2025
राजनीतिक बौने चाहते हैं किंगमेकर बनना, किंग के साथ खड़ा होना
- • सच्ची बात • 11 May, 2019
चुनाव में फ़िल्मों के आकर्षण से बेमानी हो रहे हैं राजनीतिक सिद्धांत
- • सच्ची बात • 29 Apr, 2019
जीत के लिए दल-बदलुओं को पुरस्कार दे रहे दिग्गज
- • सच्ची बात • 22 Apr, 2019
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