बौद्धिकता हमेशा उस जगह जैसी ही नहीं होती, जहाँ से वह निकलती है। उदाहरण के लिए 50 साल पुराने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को ही लें, जो वामपंथी विचारधारा का किला, अलगाववाद का गढ़ और दिमाग में मार्क्स और अजेंडे पर कश्मीर लेकर चलने वाले फ़ैशनेबल विचारधारा मानने वालों की भीड़ का अंतिम आश्रय स्थल है। देश के 400 विश्वविद्यालयों में शायद ही कोई विश्वविद्यालय है, जो विचारधारा से प्रेरित होकर किसी का विरोधी बन गया हो, लेकिन जेएनयू किसी भी सत्ता प्रतिष्ठान का सबसे ज़बरदस्त विरोधी है जो कई स्तरों पर असंतुलन को ठीक करने की कोशिश करता है।
जेएनयू : वैचारिक विशेषाधिकार बनाम राष्ट्रवाद
- विचार
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- 21 Nov, 2019

सत्तारूढ़ दल को लगता है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार पर हमले को सब्सिडी देना जनता के पैसे का दुरुपयोग है। संघ परिवार यह नहीं पचा पा रहा है कि जेएनयू एक मात्र शैक्षणिक संस्थान है, जहाँ इसके सबसे प्रखर विरोधी कम्युनिस्ट बड़ी तादाद में हैं।