सत्ता लालच का वह अक्षय पात्र है जिससे बड़े और ऊँचे लोगों का मन कभी नहीं भरता है। सत्ता प्रतिष्ठान के जीनियस लोग अपने साम्राज्य के बाहर भी ताकत व रसूख बढ़ाने का रास्ता खोज लेते हैं। मोटे तौर पर राजनेता और नौकरशाह अपनी जागीर बढ़ाने के लिए लड़ते रहते हैं। अपवादस्वरूप एक जनरल इसमें शामिल हो गया है।