यह इतिहास का सच है कि जब एक पंथ विकसित होता है तो वह संस्कृति बन जाता है। जब लोकतांत्रिक तरीके से चुना हुआ नेता धर्मवैधानिक बन जाता है, वह राष्ट्र की अवधारणा को बदल देता है। यह विरले ही होता है कि किसी नेता के जीवन और उसकी शैली का असर दूसरे लोगों की ज़िन्दगी पर पड़ता है। पिछले दो दशकों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस-मुबाहिसे में अर्थनीति, धर्म और जनसांख्यिकी मामलों में जो एक व्यक्ति छाया रहा है, उसका नाम है नरेंद्र मोदी।
भारतीय राजनीति के त्रिदेव हैं पीएम नरेंद्र मोदी
- विचार
- |
- |
- 11 Oct, 2021

गोधरा से लेकर अनुच्छेद 370 तक, मोदी एक नया नैरेटिव गढ़ते रहे। 2002 में अंतरराष्ट्रीय अछूत रहने वाले मोदी 20 साल में सबके प्रिय हो गए क्योंकि वे खुद से ही प्रतिस्पर्धा करते रहे। वे अच्छी चीजें पसंद करते हैं, पर वे 18 घंटे काम भी करते रहते हैं।
बीजेपी ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में 20 साल तक सत्ता में रहने की नरेंद्र मोदी की उपलब्धि को धूमधाम से मना कर एक मिसाल कायम कर दी। पूरी पार्टी और सरकार से कहा गया कि वे नए और पुराने विजुअल्स और वाकपटुता व शब्दाडंबरों का इस्तेमाल करते हुए मोदी के गुणों का बखान करें।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, "नरेंद्र मोदी जी ने शासन के 20 गौरवशाली वर्ष पूरे कर लिए। गुजरात से दिल्ली तक का उनका शासन भारत को बदलने के एजेंडे के ठोस आधार पर टिका हुआ है।"