क्या भारत की अफ़सरशाही का स्टील का बना कुख्यात ढाँचा अल्युमिनियम में तब्दील हो चुका है? मोदी सरकार ने अपनी पुरानी वीटो क्षमता का इस्तेमाल किया है और अफ़सरों की चाल को बेअसर कर दिया है। उन्हें लुटियन की दिल्ली में शिकवे- शिकायत करने और रात्रि भोज करने से काफी समय पहले ही रोक दिया गया है।
अफ़सरशाही और नीति आयोग में अहम बदलाव करेंगे मोदी?
- विचार
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- 17 Nov, 2021

क्या नरेंद्र मोदी की सरकार अफ़सरशाही के कामकाज के तरीके को बदल रही है और उन्हें पहले से अधिक चुस्त-दुरुस्त बना रही है? वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला ने इस पर 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के कॉलम 'पावर एंड पॉलिटिक्स' में एक लेख लिखा है। प्रस्तुत है उसका अनुवाद।
वे पिछले पाँच साल से नियमित रूप से दफ़्तर जा रहे हैं, फ़ाइलें निपटा रहे हैं और पहले से तय बैठकों में भाग ले रहे हैं। यदि हाल में रिटायर हुए अधिकारियों पर यकीन किया जाए तो निर्णय लेने का ढाँचा बहुत ही तेज़ी से बदल चुका है, उतनी तेजी से उनकी पोस्टिंग भी नहीं होती है। पारंपरिक रूप से नीचे से ऊपर फ़ाइलें जाती थीं, पर अब ऊपर से नीचे आती हैं।