कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक तमाम राष्ट्रीय दल हर चुनाव के पहले असंतुष्ट नेताओं और बड़े सपने देखने वाले छुटभैए नेताओं को अपनी ओर खींचते हैं।