ऐसा लगता है कि चुनाव के बाद त्रिशंकु लोकसभा बनेगी। क्षेत्रीय नेता मई में राजसी पोशाक पहनने का दिवा स्वप्न देख रहे हैं। राजनीति का अंतिम फल सत्ता ही है। राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा पालने वाला हर नेता चाहे वह छोटा-मोटा हो या बहुत बड़ा, इंद्रप्रस्थ के चमचमाते सिंहासन को हथियाना चाहता है। अब जबकि चुनाव नतीजे आने में सिर्फ़ दो हफ़्ते बचे हैं, कई नेताओं ने ख़ुद को किंगमेकर की भूमिका के लिए तैयार कर लिया है।
राजनीतिक बौने चाहते हैं किंगमेकर बनना, किंग के साथ खड़ा होना
- सच्ची बात
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- 11 May, 2019

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यदि बीजेपी को बहुमत नहीं मिला तो केसीआर उसका समर्थन करेंगे। विपक्षी नेता केसीआर का चाहे जितना स्वागत करें या जो कुछ कहें, सत्ता के दलाल के रूप में उनकी कार्यकुशलता इस पर निर्भर करती है कि उनके दल को कितनी सीटें मिलेंगी।