प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने 1857 के महान क्रांतिकारी आंदोलन को भक्ति आंदोलन और स्वामी विवेकानंद से जोड़कर इतिहास के तथ्यों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की। लेकिन जब उसका झूठ पकड़ा गया तो उसने विवादित अंशों को चुपचाप हटा दिया और इसे एक मामूली गलती बताकर पल्ला झाड़ लिया।
पीआईबी भारत सरकार की समाचार एजेंसी है। वे प्रधानमंत्री से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्रियों के बयान और अन्य कार्यक्रमों की सूचना देती है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कराती है।
केंद्र सरकार की संस्था PIB ने 1857 के इतिहास को बदलने की कोशिश की
- इतिहास का सच
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- 29 Mar, 2025
बीजेपी और आरएसएस की शिकायत रही है कि वामपंथी इतिहासकारों ने देश के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। लेकिन अब बीजेपी के नेतृत्व वाली भारत सरकार की संस्था पीआईबी ने 1857 की क्रांति का इतिहास बदलने की कोशिश की। जानिए पूरी कहानी।
