Tag: Shravan Garg
ज़्यादा बड़ा ख़तरा किससे- ट्रम्प या टेक कम्पनियों से?
- • श्रवण गर्ग • विचार • 14 Jan, 2021
आपको नया साल मुबारक! सब कुछ ठीक तो है न?
- • श्रवण गर्ग • विचार • 1 Jan, 2021
इस बार अटलजी का ज़्यादा स्मरण क्यों किया गया?
- • श्रवण गर्ग • विचार • 28 Dec, 2020
नागरिकों को ही ‘विपक्ष’ का विपक्षी बनाया जा रहा है!
- • श्रवण गर्ग • विचार • 21 Dec, 2020
लोकतंत्र, सरकार की ‘ज़रूरत’ से अभी भी कुछ ज़्यादा है!
- • श्रवण गर्ग • विचार • 12 Dec, 2020
किसानों के आंदोलन को कितना खींच सकते हैं मोदी!
- • श्रवण गर्ग • विचार • 8 Dec, 2020
बग़ावती चाहें तो एक और ‘कांग्रेस’ भी बना सकते हैं!
- • श्रवण गर्ग • राजनीति • 4 Dec, 2020
लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं किसान, मोदी सरकार झुकेगी?
- • श्रवण गर्ग • विचार • 1 Dec, 2020
बीजेपी और ओवैसी: दोनों को है एक-दूसरे की ज़रूरत?
- • श्रवण गर्ग • विचार • 23 Nov, 2020
ओबामा की किताब पर बीजेपी इतनी खुश क्यों है?
- • श्रवण गर्ग • विचार • 20 Nov, 2020
आम आदमी की अवमानना की सुनवाई किस अदालत में होगी?
- • श्रवण गर्ग • विचार • 16 Nov, 2020
उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे सिंधिया का बीजेपी में भविष्य
- • श्रवण गर्ग • विचार • 7 Nov, 2020
नीतीश का ताक़तवर बने रहना अभी ज़्यादा ज़रूरी है?
- • श्रवण गर्ग • विचार • 1 Nov, 2020
अर्णब की लड़ाई मीडिया की आज़ादी की लड़ाई नहीं है!
- • श्रवण गर्ग • विचार • 26 Oct, 2020
तनिष्क के विज्ञापन पर विवाद और ‘लव जिहाद’ का शोर
- • श्रवण गर्ग • विचार • 19 Oct, 2020
जड़ें बहुत गहरी हैं टीवी चैनलों में टीआरपी के फ़र्ज़ीवाड़े की!
- • श्रवण गर्ग • विचार • 14 Oct, 2020
जेपी आज होते तो कितने लोग उनका साथ देते?
- • श्रवण गर्ग • विचार • 8 Oct, 2020
हाथरस: ‘ऑनर किलिंग’ बताना राजनीति का अत्यंत ही घिनौना चेहरा
- • श्रवण गर्ग • विचार • 6 Oct, 2020
लता मंगेशकर यानी ख़ुशबू के शिलालेख पर लिखी प्रकृति की कविता
- • श्रवण गर्ग • सिनेमा • 30 Sep, 2020
कोरोना: महामारी का कहर, सरकारों की काहिली और अकेले पड़ते लोग
- • श्रवण गर्ग • विचार • 28 Sep, 2020
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