राहुल गांधी के आलोचक ऐसा कोई मौक़ा नहीं छोड़ते जिससे कांग्रेस के इस आक्रामक नेता को विवादों के घेरे में लाया जा सके! कुछ-एक बार तो राहुल स्वयं ही आगे होकर अवसर उपलब्ध करा देते हैं (जैसे अपनी ही सरकार के फ़ैसलों से संबंधित काग़ज़ों को सार्वजनिक रूप से फाड़ना) पर अधिकांशतः आलोचक ही मौक़ों को अपनी राजनीतिक निष्ठाओं के हिसाब से तलाश और तराश लेते हैं।
ओबामा की किताब पर बीजेपी इतनी खुश क्यों है?
- विचार
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- 20 Nov, 2020

देश को प्रतीक्षा करनी चाहिए कि अंततः व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद ट्रम्प अगर अपने कार्यकाल को लेकर कोई किताब लिखने का फ़ैसला लेते हैं तो भारत में अपने ‘मित्रों’ और अमेरिका में रहने वाले उन अप्रवासी भारतीयों के बारे में क्या टिप्पणी करते हैं जिनसे टेक्सास प्रांत के ह्यूस्टन में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ रैली में ‘अबकी बार ट्रम्प सरकार’ के नारे लगवाए गए थे।
राहुल को लेकर ताज़ा विवाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की हाल में प्रकाशित एक किताब को लेकर पैदा हुआ है। अंग्रेज़ी में लिखी गई 979 पृष्ठों की किताब ‘A Promised Land’ का हिंदी (और गुजराती!) में अनुवाद होकर प्रकाशित होना बाक़ी है।