राहुल गांधी के आलोचक ऐसा कोई मौक़ा नहीं छोड़ते जिससे कांग्रेस के इस आक्रामक नेता को विवादों के घेरे में लाया जा सके! कुछ-एक बार तो राहुल स्वयं ही आगे होकर अवसर उपलब्ध करा देते हैं (जैसे अपनी ही सरकार के फ़ैसलों से संबंधित काग़ज़ों को सार्वजनिक रूप से फाड़ना) पर अधिकांशतः आलोचक ही मौक़ों को अपनी राजनीतिक निष्ठाओं के हिसाब से तलाश और तराश लेते हैं।