बिहार के साथ-साथ लोग अब यह भी जानना चाहते हैं कि मध्य प्रदेश की 28 सीटों के लिए तीन नवम्बर को पड़े मतों के क्या नतीजे निकलने वाले हैं? बिहार से अलग, मध्य प्रदेश के चुनावों की विशेषता यह रही है कि बीजेपी के पास तो जनता को रिझाने के लिए कोई मुद्दा था ही नहीं, कांग्रेस ने भी ‘बिकाऊ वर्सेस टिकाऊ’ और ‘ग़द्दारी’ को ही प्रमुख मुद्दा बना लिया और वह कुछ हद तक चल भी निकला। इसीलिए, नतीजे चौंकाने वाले भी आ सकते हैं।
उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे सिंधिया का बीजेपी में भविष्य
- विचार
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- 7 Nov, 2020

सिंधिया और उनके समर्थकों की बड़ी जीत या कड़ी हार दोनों ही स्थितियाँ मध्य प्रदेश में बीजेपी की राजनीति को आने वाले समय में काफ़ी तनावपूर्ण बनाकर रखने वाली हैं। नीतीश कुमार ने यह घोषणा तो कर दी है कि यह उनका आख़िरी चुनाव है पर ऐसा कोई इरादा नहीं ज़ाहिर किया है कि वे हरेक परिस्थिति में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में बने रहेंगे। लेकिन सिंधिया तो स्पष्ट कह चुके हैं कि वे अब बीजेपी में ही बने रहने वाले हैं।