अर्णब गोस्वामी क्या हिरासत से आज़ाद होने के बाद पूरी तरह से बदल जाएंगे? क्या वे अपने सभी तरह के विरोधियों के प्रति, जिनमें कि मीडिया का एक बड़ा वर्ग भी अब शामिल हो गया है, पहले की अपेक्षा कुछ उदार और विनम्र हो जाएँगे? जिस तरह की बुलंद और आक्रामक आवाज़ को वे अपनी पहचान बना चुके हैं, क्या उसकी धार हिरासत की अवधि के दौरान किसी भी कोने से थोड़ी बोथरी हुई होगी? या ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है?