अगर आप अभी भी अखबार पढ़ते होंगे और टीवी देखते होंगे तो आपको अंदाजा होगा कि बजट 2024 का कोई शोर नहीं है। बजट कैसा भी हो सरकार हेडलाइन मैनजमेंट में सक्षम है, उसे अच्छा ही कहा जायेगा। इसलिए, बजट अच्छा हो इसकी जरूरत ही नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह बता रहे हैं बजट का गणितः
भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का खतरा लगातार बढ़ रहा है। यह आपको यहां-वहां नजर नहीं आएगा। टीवी चैनल और अखबारों में भी नजर नहीं आएगा लेकिन जहां विवाद है, वहां नजर आएगा। देश के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे की किताब फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी अभी तक बाजार में नहीं आई है। इस पर अघोषित रोक है। वजह लद्दाख से जुड़ी हुई है। इस मुद्दे को समझिएः
वैश्विक अर्थव्यवस्था में पिछले दो दशक के दौरान कई तरह के झटकों के बावजूद जीडीपी के मुकाबले भारत का कर्ज क्यों बढ़ रहा है? जानिए, भारतीय अर्थव्यवस्था में क्या चल रहा है।
अमेरिकी फ़र्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने आख़िर किन आधारों पर अडानी ग्रुप पर स्टॉक में हेराफेरी करने के आरोप लगाए हैें? हिंडनबर्ग की रिसर्च के बाद आख़िर अडानी ग्रुप बैकफुट पर क्यों है?
सुब्रमण्यम स्वामी की राजनीति को समझना आसान नहीं है। अगर कोई बात या कदम उनके मन का नहीं हुआ तो वो उस मामले में पीछे पड़ जाते हैं। कभी वो जिसके बहुत खिलाफ होते हैं, कई बार उसके पक्ष में भी आ जाते हैं। उनके बयान कब किस तरफ चले जाएं, कोई नहीं जानता। संजय कुमार सिंह ने इसी पर नजर डाली है।
मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी का विदेशी चंद क्यों बंद किया गया और आख़िर क्यों विदेशी चंदे के लिए आवश्यक विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम के तहत नवीकरण नहीं किया गया?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के कई मंत्रियों ने पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के नारे को जोर-शोर से उछाला था। लेकिन क्या हम उस दिशा में आगे बढ़ पाए हैं?
आर्यन मामले में एक गवाह ने आरोप लगाया है कि सौदा 25 करोड़ का था, 18 करोड़ में तय होता और 8 करोड़ समीर वानखेड़े को जाता। एनसीबी ने आरोप खारिज किए तो क्या शाहरूख ख़ान इसकी पुष्टि करेंगे?
सेंट्रल जीएसटी गाज़ियाबाद की टीम ने 115 करोड़ रुपये के लेन-देन के मामले में 21 फर्जी फर्म के माध्यम से 17.58 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा किया है। आख़िर जीएसटी सिस्टम में यह छेद क्यों है?
एक तरफ़ कोरोना टीकों की कमी है तो दूसरी तरफ हर कोई लगवा सकता है और टीके की क़ीमत तय नहीं है। सरकार मुफ्त में किन लोगों को लगवाएगी, यह भी तय नहीं हुआ है, काम शुरू होना तो छोड़िए। आख़िर टीकाकरण की नीति क्या है?
अख़बारों में ख़बर है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1991 के पूजास्थल क़ानून के ख़िलाफ़ दायर एक याचिका को स्वीकार कर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। आख़िर ऐसा क्यों किया?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत में कोरोना वायरस से बचाव की कार्रवाई काफ़ी देर से शुरू हुई। क्रोनोलॉजी से आप जानते हैं कि चीन में इसका पता 31 दिसंबर को चला था और भारत में पहला मामला 30 जनवरी को मिला था।