मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी (एमओसी) का विदेशी चंदा बंद करने से संबंधित सरकारी उपायों का फॉलोअप मीडिया में वैसे नहीं हुआ जैसे होना चाहिए था। भारत सरकार जनता की सेवा जनता के पैसे से करती है और उसके लिये वेतन लेती है जबकि एमओसी जैसे एनजीओ अगर विदेशी चंदे से भारत की जनता की सेवा करें तो वह लगभग निशुल्क है। निश्चित रूप से इसे प्राथमिकता मिलनी चाहिए पर बीजेपी सरकार विदेशी चंदा प्राप्त करने में रोड़ा अटकाती रही है। और तो और विदेशों से धन प्राप्त करने के नियम भी मुश्किल कर दिए गए हैं।