प्रचारात्मक बजट है। हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए अच्छी सुर्खियां मिलेंगी। पर इससे कुछ होना जाना नहीं है। निर्यात संवर्धन के लिए घोषणा ज़रूर है लेकिन अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इतना भर ही पर्याप्त नहीं है। सरकार ‘जीएसटी वसूली बढ़ी’ के प्रचार से ‘अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है’ का दिखावा तो करती ही रही है आज बजट भाषण में, अलग से ही सही, वसूली का आंकड़ा देकर भी उसी लाइन पर चलने का संकेत दे दिया गया।
सुर्खियां बटोरने पर केंद्रित है यह बजट!
- अर्थतंत्र
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- 1 Feb, 2022

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश बजट में आम लोगों के लिए क्या कुछ है? क्या इससे अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी? पढ़िए, बजट का विश्लेषण।
अगर जीएसटी वसूली बढ़ने की ही बात की जाए तो यह जबरन और दिखावटी है। तंबाकू उत्पादों की खपत कम हो इसके लिए उस पर टैक्स बढ़ाने की मांग वर्षों से की जा रही है। वह नहीं किया जा रहा है और प्रदूषण के नाम पर कंपनी बंद है। लेकिन वहां की हवा दिल्ली के मुकाबले साफ है। या वैसे दूसरे शहरों जैसी ही है। ऐसे में सरकार की नीति-रीति को समझना मुश्किल नहीं है। वह स्पष्ट है – प्रचार और सिर्फ प्रचार।