प्रचारात्मक बजट है। हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए अच्छी सुर्खियां मिलेंगी। पर इससे कुछ होना जाना नहीं है। निर्यात संवर्धन के लिए घोषणा ज़रूर है लेकिन अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इतना भर ही पर्याप्त नहीं है। सरकार ‘जीएसटी वसूली बढ़ी’ के प्रचार से ‘अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है’ का दिखावा तो करती ही रही है आज बजट भाषण में, अलग से ही सही, वसूली का आंकड़ा देकर भी उसी लाइन पर चलने का संकेत दे दिया गया।