केंद्रीय बजट 2025 का स्वागत विपक्ष ने नहीं किया। तमाम राज्यों ने इस बात के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है कि पूरे बजट में सिर्फ बिहार ही बिहार है। किसी अन्य राज्य का कोई ध्यान नहीं रखा गया है। बिहार में अगर चुनाव नहीं होते तो बजट में घोषणाएं नहीं की जातीं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 1 फरवरी को बिहार पर फोकस के साथ कृषि में बड़े सुधारों के अलावा मध्यम वर्ग के लिए आयकर राहत पर केंद्रित बड़े सुधारों की घोषणा की है। लेकिन घोषणाएं महज जुमले हैं। आम लोगों को जब इसका फायदा मिले, तभी यह सार्थक होगाः
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार 1 फरवरी को बजट 2025 पेश कर दिया है। इस बजट में मध्य वर्ग के लिए आयकर राहत बहुत बड़ी घोषणा है। इसके अलावा बिहार पर भी खासी मेहरबानी की गई है। राज्य में इसी साल चुनाव हैं।
अगर आप की निजी आय 15 लाख रुपये सालाना है तो 30 फ़ीसदी आयकर देना पड़ता है, लेकिन करोड़ों-अरबों रुपये कमाने वाली कंपनियों को अधिकतम 22 फ़ीसदी ही कर देना पड़ता है। क्या यह स्थिति बदलेगी?
बजट में क्या आ रहा है। लोग सीधे और सरल जवाब चाहते हैं। क्या इसमें गरीबों, मध्य वर्ग, नौकरीपेशा, बेरोजगारों, किसानों, गिग श्रमिकों के लिए कुछ होगा। सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं। कोई नहीं जानता। हम सिर्फ उम्मीद कर सकते हैं। जिसमें मध्य वर्ग की उम्मीदें तो कुछ ज्यादा ही हैं।
कार को कबाड़ मानकर तोड़ना, गलाना और उसके मुट्ठी भर धातुओं का दोबारा इस्तेमाल करना ठीक है या किसी तरह उसमें इस्तेमाल हुई चीजों का तब तक अधिकतम इस्तेमाल किया जाए जब तक वे ज्यादा प्रदूषण फैलाकर हमारे लिए ख़तरा न बन जाएँ?
कर्नाटक भाजपा के पूर्व प्रमुख नलिन कुमार कतील ने मामले की जांच और आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ चुनावी बांड फिरौती मामले में पुलिस जांच का आदेश दिया गया था। इसके बाद बेंगलुरु पुलिस ने निर्मला सीतारमण के खिलाफ केस दर्ज किया था।
कथित मुदा स्कैम में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के ख़िलाफ़ मुक़दमा होने पर जैसा रुख बीजेपी का रहा, क्या वैसा ही रुख वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर एफ़आईआर दर्ज होने के बाद है?
कर्नाटक में जनाधिकार संघर्ष संगठन के आदर्श अय्यर ने निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ शिकायत दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि चुनावी बांड के माध्यम से जबरन वसूली की गई। कोर्ट ने एफआईआर का आदेश दिया है।